Monday, September 19, 2011

ये इश्क


उसकी  याद  ने   रुलाया  है  मुझे  कुछ  इस  कदर
कि  आंसुओ  से  भरा  जाम  छोड़ा  भी  नहीं  जाता 
और  पिया  भी  नहीं  जाता

उसकी  याद  में  तडपा  हूँ   मै  दिन  रात
कि  मिलने  की आश  मे  मरा  भी  नहीं  जाता
और  उसके  बिन  अब  जिया  भी  नहीं  जाता

इस  प्यार  का  दर्द  इतना  ज्यादा  क्यों  है
कि  बताया  भी  नहीं  जाता
और  छुपाया  भी  नहीं  जाता

इस  इश्क  की  राह  बड़ी  अजीब  लगती  है  मुझको 
कि  इक  बार  चल  दिए  तो  रुका  नहीं  जाता
और  रुक  गए  तो  फिर  चला  नहीं  जाता

इक  बार  जो  दिल  टूटा  तो  दर्द  कुछ  इतना  होता  है
कि  इस  दिल  को  टूटा  हुआ  छोड़ा  नहीं  जाता
और  फिर  टूटने  के  लिए  दिल  को  जोड़ा  नहीं  जाता

उन  हसीन  यादों  का  काफिला  है  ये  इश्क
कि  ये  हमेशा  अपने साथ  रहता  नहीं
और  हमसे  इसको  छोड़ा  नहीं  जाता ..


हरिओम
१९/०९/२०११

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