उसकी याद ने रुलाया है मुझे कुछ इस कदर
कि आंसुओ से भरा जाम छोड़ा भी नहीं जाता
और पिया भी नहीं जाता
उसकी याद में तडपा हूँ मै दिन रात
कि मिलने की आश मे मरा भी नहीं जाता
और उसके बिन अब जिया भी नहीं जाता
इस प्यार का दर्द इतना ज्यादा क्यों है
कि बताया भी नहीं जाता
और छुपाया भी नहीं जाता
इस इश्क की राह बड़ी अजीब लगती है मुझको
कि इक बार चल दिए तो रुका नहीं जाता
और रुक गए तो फिर चला नहीं जाता
इक बार जो दिल टूटा तो दर्द कुछ इतना होता है
कि इस दिल को टूटा हुआ छोड़ा नहीं जाता
और फिर टूटने के लिए दिल को जोड़ा नहीं जाता
उन हसीन यादों का काफिला है ये इश्क
कि ये हमेशा अपने साथ रहता नहीं
और हमसे इसको छोड़ा नहीं जाता ..
हरिओम
१९/०९/२०११
१९/०९/२०११
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